पादहस्तासन योग करने फायदे हाईट बढ़ाने में

यदि आप अपनी हाईट बढ़ाने के लिए कोई योग खोज रहें है तो पादहस्तासन योग आपके लिए बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है। यह योग आपकी जांघ की मांसपेशियों को एक अच्छा खिंचाव देता है। पादहस्तासन संतुलन, मुद्रा और लचीलेपन में सुधार करता है। इसका नियमित अभ्यास आपके कद को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है।

पादहस्तासन योग करने लाभ पाचन सुधारने में

पाचन को सुधारने और चयापचय की क्रिया को बढ़ाने के लिए पादहस्तासन योग बहुत ही फायदेमंद होता है। हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाले लगभग सभी रोगों का कारण पेट के पाचन तंत्र में खराबी होता हैं। अगर आप पादहस्तासन योग को करते हैं तो एक प्रकार से आपके पेट की मालिश होती हैं और यह पेट की कार्य प्रणाली को अधिक क्रियाशील बनता हैं।

पादहस्तासन योग करने फायदे तनाव कम करे

तनाव को कम करने के लिए पादहस्तासन योग बहुत ही लाभदायक है। वैसे तो सभी योग अपने तनाव को कम करने में मदद करते हैं पर यह योग आपके शरीर की थकान को खत्म करता हैं और तनाव को कम कर के मन को शांति प्रदान करता हैं।

शुरुआती लोगों के लिए पादहस्तासन योग करने की टिप

यदि आप एक बिगिनर हैं और योग अभ्यास की अभी अभी शुरुआत कर रहें है तो आपको निम्न तरीके को करना चाहियें।

पादहस्तासन योग करने से पहले करें यह आसन

पादहस्तासन योग करने से आपको कुछ आसन करना चाहिए जिससे आपको इस आसन को करने में आसानी होगी जैसे-

उत्तानासन
सूर्य नमस्कार
जानुशीर्षासन
पश्चिमोत्तानासन
अधोमुख श्वानासन
 

पादहस्तासन योग करने का तरीका और लाभ

पादहस्तासन योग में खड़े होकर आगे की ओर झुका जाता है जिसमें अपने दोनों हाथों से पैर को छूना पड़ता है। पादहस्तासन योग हठ योग के 12 मूल आसनों में से एक है। यह सूर्य नमस्कार अनुक्रम की तीसरी मुद्रा भी है। पादहस्तासन योग पेट की चर्बी को कम करने, पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने, आपकी लम्बाई बढ़ाने और जांघ की मांसपेशियों को एक अच्छा खिंचाव देने के लिए जाना जाता है। पादहस्तासन योग सिर के रक्त संचार को बढ़ने में मदद करता हैं। इसे अलावा यह हमारे शरीर के अनके रोगों से लड़ने में मदद करता हैं। पादहस्तासन योग (Hand under Foot pose) अपने शरीर को गर्म करने और अपने शरीर को अन्य योग को करने के लिए लचीला बनाने के

पीलिया रोग के लिए योग निद्रा

योग निद्रा शरीर और दिमाग के लिए एक अच्छी आराम देने वाली तकनीक है और शरीर को प्राकृतिक रूप से ऊर्जा भरने में मदद करती है, जिससे उसे अच्छी नींद मिलती है। योग निंद्रा आसन को करने के लिए आप किसी खुले शांत स्थान पर योगा मैट बिछाकर लेट जाएं। हाथों को सीधा और अपने दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें। अब आंखे बंद करके सामान्य रूप से साँस ले और अपने मन में आने वाले सभी विचारों को रोक दें और कुछ भी ना सोचें। इसे अपनी क्षमता के अनुसार बिना कर सकते है।

अग्न्याशय के लिए योग पश्चिमोत्तानासन

पैंक्रियास के लिए योग पश्चिमोत्तानासन मोटापा कम करने, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और गुर्दे और यकृत को सक्रिय करने के लिए सबसे अच्छा योग मुद्रा है। यह थकान को कम करता है, जिगर, गुर्दे, अंडाशय और गर्भाशय को उत्तेजित करता है। पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा के सीधे कर लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजे पकड़ लें। अपनी सिर को घुटनों पर रख दें। इस आसन को 20 से 60 सेकंड के लिए करें। बेहतर परिणाम के लिए एक ही अभ्यास को दो या तीन बार दोहराएं।

पैंक्रियास (अग्नाशय) के लिए योग

अग्नाशय को स्वस्थ्य और एक्टिव रखने और सुचारु रूप से कार्य करने के लिए योग का अभ्यास किया जा सकता है। पैंक्रियास को स्वस्थ्य और एक्टिव रखने के लिए योग बहुत ही लाभदायक होता है। पैंक्रियास को अग्नाशय के नाम से भी जाना जाता है। यह हमारे पेट के अन्दर उपस्थित पाचन प्रणाली की एक ग्रंथि है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि योग वजन कम करने, मधुमेह आदि की समस्या को कम करने में आपकी मदद करता है। मधुमेह, पेट दर्द और कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं से बचाव के लिए अपने अग्न्याशय को फिट और स्वस्थ रखना भी उतना ही आवश्यक है। शरीर के प्रत्येक अंग को फिट और ठीक बनाए रखने में योग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

बुजुर्गों के लिए योगासन- बद्धकोणासन

बुजुर्गों के लिए योगासन में यह आसन उनकी बॉवेल मूवमेंट को सुधारता है और पाचन क्रिया मजबूत करता है। इसके अलावा, इस आसन से जांघ, घुटने की मसल्स स्ट्रेच होती हैं और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। इसे करने के लिए कमर को सीधा रखते हुए जमीन पर बैठ जाएं और पैरों को सामने की तरफ फैला लें। अब दोनों घुटनों को मोड़ते हुए उनके तलवे अपने जननांग की तरफ लाएं। अब दोनों पैर के तलवों को एक साथ मिला लें और जितना हो सके जननांगों के पास ले जाएं। अब अपनी जांघों और घुटनों को जमीन पर टिका लें और हाथों से तलवों को पकड़ लें। अब लंबी और गहरी सांस लें और अपनी जांघों को तितली के पंखों की तरह तेज-तेज ऊपर नीचे करें। जब

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