क्या है प्राण ऊर्जा योग

शरीर के समस्त क्रियाकलापों व गतिविधियों का आधार प्राणशक्ति है, जिसे जीवनी शक्ति भी कहा जाता है। यह सारे शरीर को संचालित कर स्वस्थ बनाए रखती है। योग की मान्यता है कि शरीर में अगर प्राण ऊर्जा ठीक प्रकार से प्रवाहित होती रहे, तो शरीर स्वस्थ बना रहता है और यदि प्राण ऊर्जा के प्रवाह में बाधा आ जाए, तो शरीर रोगी हो जाता है।

हाई बीपी के मरीजों के लिए शवासन उपयोगी

शवासन में सांस पर नियंत्रण रखकर शरीर को निर्जीव अवस्था में छोड़ा जाता है। इस अभ्यास में हम इंद्रियों व मन को बाहर के विषयों से हटाते हैं और शरीर व मन को ऊर्जा से भर देते हैं। इस आसन का अभ्यास कोई भी व्यक्ति कर सकता है। हाई ब्लड प्रेशर के रोगी लगातार इस आसन को करें तो बीपी कंट्रोल किया जा सकता है। 

फायदे 
इस अभ्यास को करने से मानसिक तनाव, थकान दूर होकर नई ऊर्जा का संचार होता है। इससे सिरदर्द, अनिद्रा और अवसाद की समस्या नहीं रहती।

रोजाना योगा करने के फायदे

योगा एक ऐसी वैज्ञानिक प्रमाणिक व्यायाम पद्धति है।जिसके लिए न तो ज्यादा साधनों की जरुरत होती हैं और न ही अधिक खर्च करना पड़ता है। इसलिए पिछले कुछ सालों से योगा की लोकप्रियता और इसके नियमित अभ्यास करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि योगा करने के क्या लाभ है....

 योगासन अमीर-गरीब, बूढ़े-जवान, सबल-निर्बल सभी स्त्री-पुरुष कर सकते हैं।

योगासन से दूर होती हैं बीमारियाँ

जमीन पर पद्मासन लगाकर बैठ जाइए। लेफ्ट पैर को उठाइए और राईट जंघा पर लगाइए ताकि लेफ्ट पैर की ऐड़ी नाभि के नीचे आ जाए। फिर राईट पैर को उठाइए और लेफ्ट जंघा पर रखिए ताकि दोनों ऐड़ियां नाभि से नीचे एक दूसरे को मिलें। दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जा कर राईट हाथ से लेफ्ट पैर को और लेफ्ट हाथ से राईट पैर को पकड़िए। पेट को अंदर की ओर चिपकाते हुए कमर के ऊपरी भाग को आगे झुकाइए और जमीन पर लगाइए।

लाभ:

योग और व्यायाम

व्यायाम आपके शरीर को स्वस्थ बनाने में सहायक है.

योगा का मतलब जोड़ना.

योगा में अलग अलग आसन होते है जो करते समय श्वास लेते और छोड़ते है. इससे शरीर और मन दोनोंको फायदा पहुँचता है.

योगा करते समय सामान्यता जब शरीर को आगे की ओर झुकना पड़ता है उस समय श्वास बाहर छोड़ते है और जब शरीर पीछे की ओर झुकना पड़ता है, उस समय श्वास को अंदर लेते है.

सिर्फ छह योगासन करें और दें अपनी बॉडी को खूबसूरत शेप

यह एक बुनियादी, सबसे ज्यादा जाना-जाने वाला और व्यापक रूप से अभ्यास किया जाने वाला आसन है। सूर्य नमस्कार का अर्थ है-'सूरज का अभिवादन' या 'वंदन करना'। इसमें 12 योग मुद्राओं का मिश्रण होता है, जो कि शरीर के विभिन्न भागों को केंद्रित करता है। इसकी यही खासियत इसे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद बनाती है। उदाहरण के लिए प्रार्थना की मूल मुद्रा, आगे की ओर मुड़ना और फिर भुजांगासन।

व्यक्ति ज्ञान योगी है जो सोचना सीख गया है,

प्रत्येक वह व्यक्ति ज्ञान योगी है जो सोचना सीख गया है, विचार तो सबके भीतर होते हैं, लेकिन उन विचारों को एक दिशा देना हर किसी के बस की बात नहीं, दूसरी बात कि आपके भीतर विचार कौन से हैं? क्या कचरा किताबों के विचार? खुद के विचार या उधार के विचार? सोचता तो हर कोई है, लेकिन जो नये ढंग से सोचकर उसे कार्य रूप में परिणित कर देता है, विजेता वही कहलाता है।

 

सुंदर, सलोनी काया के लिए योगासन

सुंदर, सलोनी, छरहरी और सुडौल काया किसे पसंद नहीं है? प्राय: सभी स्त्रियां ऐसा ही होना चाहती हैं किन्तु वातावरण, रहन-सहन, खान-पान दिनचर्या एवं अनेक प्रकार की मजबूरियों के कारण बहुतों को चुपचाप मन मारकर रह जाना पड़ता है।
आम जीवन में स्त्री-पुरुष दोनों में ही शारीरिक फिटनेस या सुडौलता के प्रति जिज्ञासा बढ़ी है, परिणामस्वरूप प्रत्येक छोटे-बड़े शहरों व कस्बों में आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित व्यायामशाला, हैल्थ क्लब, जिम, क्लब एवं फिटेनस सेंटर दिखाई दे रहे हैं।

माँ बनने का सपना पूरा कर सकता है योग

माँ बनना हर औरत का सपना होता है, ऐसा माना जाता है की बिना माँ बने एक औरत पूरी नहीं होती है, पर कभी कभी कुछ महिलाये चाह कर भी माँ नहीं बन पाती है, इस समस्या के समाधान के लिए वो कई तरह के इलाजो को अपनाती है पर कोई भी फायदा नहीं होता है और उनका माँ बनने का सपना पूरा नहीं हो पाता है। पर आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे है जिसके सेवन से आपकी माँ बनने की इच्छा पूरी हो सकती है, जी हम बात कर रहे है अनार की। अनार में आयरन की भरपूर मात्रा मौजूद होती है जिसके कारण इसके सेवन से फर्टिलीटी बढ़ाने में मदद मिलती है, इसके सेवन से महिलाओ की प्रजनन क्षमता मजबूत होती है जिससे माँ बनने में कोई दिक

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सूर्य नमस्कार
यह एक बुनियादी, सबसे ज्यादा जाना-जाने वाला और व्यापक रूप से अभ्यास किया जाने वाला आसन है। सूर्य नमस्कार का अर्थ है-'सूरज का अभिवादन' या 'वंदन करना'। इसमें 12 योग मुद्राओं का मिश्रण होता है, जो कि शरीर के विभिन्न भागों को केंद्रित करता है। इसकी यही खासियत इसे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद बनाती है। उदाहरण के लिए प्रार्थना की मूल मुद्रा, आगे की ओर मुड़ना और फिर भुजांगासन।

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