परफेक्ट पर्सनालिटी पाने के लिये लंबी हाइट होनी बहुत जरुरी है। जिन लोगों की हाइट कम होती है वे लोग अपने पर्सनालिटी में कुछ कमी सी महसूस करते हैं। लंबाई कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें सबसे महत्‍वपूर्ण रोल आनुवांशिक गुण अदा करते हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपकी हाइट बढ जाए तो इसमें योग आपकी निश्चित रूप से सहायता कर सकता है। माना जाता है कि प्रोटिन युक्त भोजन करने से व नियमित रूप से दस मिनट ताडा़सन करने से हाइट बढती है। लेकिन यह आसन २३ साल की उम्र तक ही हाइट बढाने में मददगार है। ताड़ासन की खासियत यह है कि बच्चों की लंबाई निश्चित रूप से बढ़ती है

ताड़ासान योग की ही एक क्रिया है। ताड़ासन जैसा की नाम से ही विदित है ताड़ के पेड़ के समान। ताड़ासन एक ऐसी स्थिति हैं जब आपका शरीर ताड़ के पेड़ की तरह सीधा खड़ा होता है। इसी स्थिति को योग में ताड़ासन कहा जाता है। लेकिन सवाल ये उठता है ताड़ासन क्यों करना चाहिए। ताड़ासन के क्या लाभ हैं, ताड़ासन कौन लोग कर सकते है और किन लोगों के लिए यह अधिक लाभकारी हैं, योग के प्रकार कितने हैं। इन सभी सवालों के जवाबों को जानने के लिए ताड़ासन के बारे में और अधिक जानने की जरूरत है। तो आइए जानें आखिर ताड़ासन क्या हैं।

क्या है ताड़ासन

ताड़ासन वह आसन है जो खड़े होकर किया जाता है और ऐसे में व्यक्ति की स्थिति ठीक वैसी होती है जैसे वह ताड़ का पेड़ हो। ताड़ासन के दौरान दोनों एडी और पंजे थोड़े से अंतराल में एके स्थिति में होते हैं और दोनों हाथ कमर की सीध में ऊपर की ओर होते हैं। ताड़ासन के दौरान जब दोनों हाथ ऊपर की ओर जाते हैं तो दोनों एडियां भी ऊपर की और उठती हैं और शरीर का पूरा भार पंजों पर आ जाता हैं।

ताड़ासन करने की विधि

हाथों को ऊपर ले जाकर हथेलियों को मिलाएं और हथेलियां आसमान की तरफ होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में दोनों हाथों की अंगुलियां भी आपस में मिली होनी चाहिए। ताड़ासन के दौरान कमर सीधी और नजरें भी सामने की तरफ और गर्दन सीधी होती हैं और शरीर का पूरा भार पंजों पर आ जाता हैं और पूरे शरीर की ताकत शरीर को एक तरफ खींचने में लगती हैं। ताड़ासन जब भी करें तो ध्यान रखें कि आपके आसपास की जगह खुली हो, आप चाहे तो पार्क में भी इस आसन को आराम से कर सकते हैं। ताड़ासन की स्थिति में लंबी सांस भरकर कम से कम 1 से 2 मिनट तक रूकना चाहिए और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आना चाहिए। फिर कुछ सेकेंड रूककर दोबारा इसी क्रिया को दोहराना चाहिए।  

ताड़ासन के दौरान सावधानियां

ताड़ासन के दौरान बहुत सावधानी बरतनी होती है। आपको बॉडी बैलेंस के साथ ही यह भी ध्यान रखना होता है कि आपके हाथ धीरे-धीरे ऊपर की ओर जा रहे हैं तो आपकी एडियां भी उसी रफ्तार से ऊपर की ओर उठेंगी। हाथ और पैरों को उठाते हुए आपका पेट अंदर की ओर जाना चाहिए जिससे आपका बैलेंस अच्छी तरह से बन जाएं। ताड़ासन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर या फिर योग विशेषज्ञ से सलाह ले लेनी चाहिए क्यों कि यदि आपके पैरों में कोई समस्या है तो आपको ताड़ासन करने से बचना चाहिए।

 

ताड़ासन के लाभ

ताड़ासन के बहुत लाभ हैं, जिन बच्चों की हाईट कम होती हैं उनके लिए ताड़ासन बहुत ही लाभदायक आसन हैं। यदि आपके पैरों या पंजों में बहुत दर्द रहता है तो आपको चाहिए कि आप ताड़ासन करना चाहिए, इससे आपके पैरों में मजबूती आएगी और पंजों में भी दर्द नहीं होगा। यदि आपका पाचन तंत्र कमजोर है या फिर आपको पेट संबंधी समस्याएं होती हैं तो आपको ताड़ासन करना चाहिए इससे आप स्वस्थ रहेंगे।

ताडासन के अभ्यास से शरीर सुडौल रहता है. इस योग से शरीर में संतुलन और दृढ़ता आती है। - रीढ़ की हड्डी में भी खिंचाव आता है. जिससे लंबाई बढ़ती है और स्लिप डिस्क की संभावना नहीं कम रहती है। - कंधों के जोड़ मजबूत होते हैं और गहरी सांस लेने-छोडऩे की प्रक्रिया में सुधार आता है।

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