Anand
29 March 2021
प्राकृतिक चिकित्सा की मुख्य विशेषताएं हैं
- सभी रोगों, उनके कारण और उपचार एक हैं। दर्दनाक और पर्यावरणीय स्थिति को छोड़कर, सभी रोगों का कारण एक है यानी शरीर में रुग्णता कारक पदार्थ का संचय होना। सभी रोगों का उपचार शरीर से रुग्णता कारक पदार्थ का उन्मूलन है।
- रोग का प्राथमिक कारण रुग्णता कारक पदार्थ का संचय है। बैक्टीरिया और वायरस शरीर में प्रवेश कर तभी जीवित रहते हैं जब रुग्णता कारक पदार्थ का संचय हो और उनके विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण शरीर में स्थापित हुआ हो। अतः रोग का मूल कारण रुग्णता कारक पदार्थ है और बैक्टीरिया द्वितीयक कारण बनते हैं।
- गंभीर बीमारियां शरीर द्वारा आत्म चिकित्सा का प्रयास होती हैं। अतः वे हमारी मित्र हैं, शत्रु नहीं। पुराने रोग, गंभीर बीमारियों के गलत उपचार और दमन का परिणाम हैं।
- प्रकृति सबसे बड़ा मरहम लगाने वाली है। मानव शरीर में स्वयं ही रोगों से खुद को बचाने की शक्ति है तथा अस्वस्थ होने पर स्वास्थ्य पुनः प्राप्त कर लेती है।
- प्राकृतिक चिकित्सा में केवल रोग ही नहीं बल्कि रोगी के पूरे शरीर पर असर होकर वह नवीकृत होता है।
- प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा पुरानी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को भी अपेक्षाकृत कम समय में सफलतापूर्वक उपचारित किया जाता है।
- प्रकृति के उपचार में दबे हुए रोगों को सतह पर लाया जाता है और स्थायी रूप से हटा दिया जाता है।
- प्राकृतिक चिकित्सा एक ही समय में सभी तरह के पहलुओं जैसे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक, का उपचार करती है।
- प्राकृतिक चिकित्सा शरीर का सम्पूर्ण रूप से उपचार करती है।
- प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार, "केवल भोजन ही चिकित्सा है”, कोई बाहरी दवाओं का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
- स्वयं के आध्यात्मिक विश्वास के अनुसार प्रार्थना करना उपचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- Log in to post comments
- 1 view