Anand
29 March 2021
- योगासनों द्वारा शरीरिक नियंत्रण
- आसन शरीर को साधने का तरीका है।
पतंजलि ने स्थिर तथा सुखपूर्वक बैठने की क्रिया को आसन कहा है (स्थिरसुखमासनम् ॥४६॥)। पतंजलि के योगसूत्र में ने आसनों के नाम नहीं गिनाए हैं। लेकिन परवर्ती विचारकों ने अनेक आसनों की कल्पना की है। वास्तव में आसन हठयोग का एक मुख्य विषय ही है। इनसे सम्बंधित ‘हठयोगप्रदीपिका’ ‘घेरण्ड संहिता’ तथा ‘योगाशिखोपनिषद’ में विस्तार से वर्णन मिलता है।
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