मोटापा कम करने के लिए योग

wajan ghatane ke liye yogasana in Hindi शरीर का वजन बढ़ना और मोटापे की समस्या होना आम बात है। लेकिन मोटापा कम करने के लिए सिर्फ उचित खानपान और सही जीवनशैली ही महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि मोटापे से निजात पाने के लिए योगासन करना भी बहुत जरूरी होता है। आइये जानते हैं वजन घटाने के लिए बेस्ट योगासन कौन से हैं।

योग द्वारा वजन बढ़ाने के उपाय

सुबह जल्दी उठकर योग करने से फायदा मिलता है। लेकिन अगर आप योग पहली बार करने जा रहे है तो योग किसी योगाचार्य की देखरेख में ही करें।

योग के द्वारा वजन बढ़ाने के तरीके

अगर आप भी अपने दुबलेपन से परेशान है और सब उपाय करके देख चुके है फिर भी आपका दुबलापन नहीं जा रहा है तो आपको योग का सहारा जरुर काम आयेगा सुनने में थोडा अजीब लगा ना, आपने देखा होगा कि दुबले पतले लोग वजन बढ़ाने के लिए बहुत परेशान रहते हैं। कई कोशिशें करने के बाद भी मनचाहे परिणाम नहीं मिलते हैं। तब योग ही वजन बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका बचता हैं।

योग से बिना किसी दुष्प्रभाव का सामना किए वजन बढ़ाया जा सकता है। योग करने के साथ-साथ आपको पोषक तत्वों से भरपूर भोजन भी करना चाहिए। जिससे आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होगे

पेट की चर्बी कम करने वाले 5 प्रभावी और आसान योगासन

क्या आप भी पेट की चर्बी से परेशान हैं! और डायट, एक्सर्साइज और न जाने क्या-क्या नहीं किया लेकिन कोई असर नहीं? योग में हर चीज का इलाज है। लेकिन, जल्द नतीजे के लिए यह जानना जरूरी है कौन-से योगासन हैं जो पेट की चर्बी कम करने में सबसे ज्यादा असरदार है। आजकल लोग सबसे ज़्यादा मोटापे या एक्स्ट्रा फैट के शिकार होते जा रहे हैं। यह मोटापा या एक्स्ट्रा फैट सबसे ज़्यादा हमारे पेट, जांघ और हिप्स पर नज़र आता है।

योग के फायदे रक्‍तचाप कम करे

नियमित रूप से योग करने पर आप अपने आत्‍मविश्‍वास को बढ़ा सकते हैं। यह आपके शरीर को पर्याप्‍त आराम दिलाने का सबसे अच्‍छा तरीका है। इसके अलावा नियमित योग करने से आप अपने शरीर की प्रत्‍येक क्रिया में नियंत्रण रख सकते हैं। योग आपके यौन जीवन को भी सकारात्‍मक रूप से प्रभावित करता है। यह आपकी कामुकता को बढ़ा सकता है साथ ही आपकी यौन कमजोरियों को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

योग के फायदे रक्‍तचाप कम करे

यदि आप उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या से ग्रसित हैं, तो आपको योग से लाभ हो सकता है। एक शोध से पता चलता है कि उच्च रक्‍तचाप रोगी यदि 3 माह तक नियमित योग अभ्‍यास करे तो उसे उच्‍च रक्‍तचाप से छुटकारा मिल सकता है। नियमित योग करने से रोगी में सिस्‍टोलिक ब्‍लड प्रेशर (शीर्ष संख्‍या) में 26 पॉइंट और डायस्‍टोलिक बलड प्रेशर में (नीचे की संख्‍या और प्रारंभिक रक्‍तचाप) 15 पॉइंट की कमी आ सकती है। इसलिए उच्‍च रक्‍तचाप रोगी को नियमित रूप से योग करना चाहिए।

योग देता है प्रतिरक्षा को बढ़ावा

नियमित योग अभ्‍यास करके आप अपने शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि योग के दौरान आपका शरीर बहुत ही उत्‍तेजित होता है। इस तरह से आपके शरीर के सभी अंग अपने काम को सही तरीके से करते हैं। इसके साथ ही योग के दौरान आपके शरीर में विभिन्‍न हार्मोन उत्‍तसर्जित होते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में सहायक होते हैं। आपने अक्‍सर देखा होगा कि योगा करने वाले लोग सर्दी जुकाम से बहुत ही कम प्रभावित होते हैं। ऐसा उनकी प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि के कारण होता है। नियमित योग करने से लसीका तंत्र संक्रमण से लड़ने, कैंसर कोशिकाओं को नष्‍ट करने और सेलूलर कामकाज के जहरीले

योग के लाभ रक्‍त प्रवाह के लिए

आपके स्‍वस्‍थ्‍य शरीर के लिए उचित रक्‍त प्रवाह आवश्‍यक है। इसके लिए आप विशेष रूप से योग अभ्‍यास कर सकते हैं। यह आपके पूरे शरीर में उचित रक्‍त परिसंचरण को बनाए रखने और मस्तिष्‍क को स्‍वस्‍थ्‍य रखने में मदद करता है। आपके शरीर को उचित ढंग से काम करने के लिए ऑक्‍सीजन की आवश्‍यकता होती है। उचित रक्‍त परिसंचरण के माध्‍यम से ऑक्‍सीजन आपके पूरे शरीर उपलब्‍ध होती है। इसके अलावा आपके शरीर दूषित रक्‍त को शुद्ध करने में भी रक्‍त परिसंचरण का विशेष योगदान होता है। यदि आप पैरों की सूजन या गुर्दे की समस्‍या से ग्रसित हैं तो योग आपकी मदद कर सकता है। योग के माध्‍यम से भी आप अपने शरीर में लाल रक्‍त कोशिकाओं क

योग का लाभ जोड़ों को मजबूत करे

जब आप नियमित रूप से योग को अपना लेते हैं तो यह आपकी हड्डीयों को मजबूत करता है। यह न केवल आपकी हड्डीयों को मजबूत बल्कि आपके जोड़ों को भी स्‍वस्‍थ्‍य रखता है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि योग के दौरान आपके जोड़ों की भी पर्याप्‍त कसरत होती है। यह डिजेनेरेटिव गठिया को रोकने में मदद कर सकता है। नियमित योग करने से आपका शरीर भोजन से पर्याप्‍त मात्रा में पोषक तत्‍वों को अवशोषित करता है। जिसके परिणाम स्‍वरूप आपके जोड़ों में स्‍नेहक का काम करने वाले पदार्थ की कमी नहीं होती है। इस स्‍नेहक की कमी के कारण आपके जोड़ जल्‍दी घिस सकते हैं और कमजोर होकर टूटने की संभावना भी बनी रहती है।

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