स्तनपान करवाना एक लाभदायक जिम्मेदारी है। मगर जब दूध बेबी के लिए पूरा नहीं हो पाता, तो यह आपको शारीरिक और मानसिक तनाव दे सकता है।
कई महिलाओं का ब्रेस्ट मिल्क बेबी की जरूरत के हिसाब से बढ़ता रहता है। पर कुछ माताएं इससे परेशान हो जाती हैं। लेकिन परेशान न हों, क्योंकि योग ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में भी आपकी मदद कर सकता है।
अपने दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इन योग मुद्राओं को आजमाएं
स्तनपान न केवल बच्चे को पोषण प्रदान करता है, बल्कि यह मां और उसके बच्चे के बीच के बंधन को भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा, यह उन दोनों को कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है।
स्तनपान के सकारात्मक पहलुओं के बावजूद हम इस बात से इन्कार नहीं कर सकते कि ब्रेस्टफीडिंग का यह पीरियड आपके लिए थकान भरा हो सकता है। शरीर का यह तनाव मानसिक उत्तेजना का कारण बन सकता है। ग्रैंड मास्टर अक्षर कहते हैं, “योग न्यू मॉम्स के लिए वरदान हो सकता है। यह दूध की आपूर्ति और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।”
यदि आप नर्सिंग मॉम हैं और किसी भी समस्या का सामना कर रही हैं, तो यह समय आत्म-देखभाल के लिए इन योगाभ्यासों को करने का है। योग शरीर में ताकत, लचीलापन और सहनशक्ति लाता है। स्तनपान के दौरान नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से आपको नर्सिंग से जुड़ी किसी भी परेशानी को कम करने में मदद मिल सकती है।
स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए योग एक मूल्यवान उपकरण साबित हो सकता है। कृपया ध्यान दें कि आपको अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद ही किसी भी प्रकार का व्यायाम शुरू करना चाहिए। इससे यह आकलन किया जा सकता है कि सी-सेक्शन, एपिसीओटॉमी जैसी बर्थिंग इंजरी में योग कब करना चाहिए।
बेहतर स्तनपान के लिए इन आसनों का अभ्यास करें
1 सूर्य नमस्कार (Sun salutation)
सूर्य नमस्कार योगासनों का समूह है, जिसमें प्रत्येक बार में 12 गिनती के साथ आठ शक्तिशाली योगासन शामिल हैं। एक चक्र को पूरा करने के लिए कुल 24 मुद्राएं होती है। सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से अधिक परिणाम मिलता है।
ग्रैंड मास्टर अक्षर कहते हैं, “इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति पूरे दिन ऊर्जावान, स्वस्थ और शांत महसूस करता है।”
2 चक्रासन (Backbend)
चक्रासन करने के लिए इन तरीकों का पालन करें:
अपनी पीठ के बल लेटें।
अपने पैरों को अपने घुटनों पर मोड़ें और सुनिश्चित करें कि आपके पैर फर्श पर मजबूती से टिके हुए हैं।
अपनी हथेलियों को आकाश की ओर रखते हुए अपनी बाहों को कोहनी पर मोड़ें।
बाहों को कंधों पर घुमाएं और अपनी हथेलियों को अपने सिर के दोनों ओर फर्श पर रखें।
श्वास लें और अपनी हथेलियों और पैरों पर दबाव डालें।
पूरे शरीर को एक आर्च बनाने के लिए ऊपर उठाएं।
अपनी गर्दन को आराम दें और अपने सिर को धीरे से पीछे रखें।
3 भुजंगासन (Cobra Pose)
भुजंगासन करने के लिए इन तरीकों का पालन करें:
पेट के बल लेट जाएं और हथेलियां अपने कंधों के नीचे रखें।
अपने पैरों को एक साथ और पैर की उंगलियों को जमीन पर रखें।
श्वास लें और अपने सिर, कंधों और धड़ को 30 डिग्री के कोण पर उठाएं।
अपनी नाभि को नीचे, कंधों को चौड़ा रखें और सिर को थोड़ा ऊपर की ओर उठाएं।
10 सेकंड के लिए मुद्रा में रहें।
धीरे-धीरे अपने धड़ को नीचे लाएं, और फिर सांस छोड़ें।
4 पादहस्तासन (Standing forward bend)
समस्थिति से शुरू करें।
सांस छोड़ें और अपने ऊपरी शरीर के साथ आगे की ओर झुकें।
अपना सिर नीचे करें और अपने कंधों और गर्दन को आराम दें।
धड़ को पैरों के करीब लाने की कोशिश करें।
हथेलियों को अपने पैरों के दोनों ओर रखें।
पूरे अभ्यास के दौरान पैरों और घुटनों को सीधा रखने की कोशिश करें।
इस मुद्रा में कुछ देर तक रुकें।
5 पश्चिमोत्तानासन (Seated forward bend)
पश्चिमोत्तानासन करने के लिए इन तरीकों का पालन करें:
दंडासन से शुरू करें, जहां आपके पैर आगे की ओर खिंचे हुए हों।
जरूरत पड़ने पर अपने घुटनों को थोड़ा मोड़कर रखें।
अपनी बाहों को ऊपर उठाएं और अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
सांस छोड़ें और आगे झुकें।
अपने पैर की उंगलियों को हाथ की उंगलियों से पकड़ने की कोशिश करें।
10 सेकंड के लिए मुद्रा में रहें।
- पादहस्तासन
पादहस्तासन संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है, पैरों को हाथों से छूने वाला आसन। इस आसन के अभ्यास से शरीर को कुछ गजब के फायदे होते हैं। ये आसन न सिर्फ आपके शरीर को हील करता है बल्कि नई जिंदगी भी देता है।
- भुजंग आसन
जानिए भुजंगासन करनेका सही तरीका
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