योग से समृद्ध होता जीवन

योग का ही परिणाम है पूरी सृष्टि। गणित के योग की तरह ही यह हमारे गुणों की अभिवृद्धि करता है। हमारे भीतर की चेतना को जगाकर हमें संस्कारवान और हृष्ट-पुष्ट बनाता है। योग के महत्व पर डॉ. प्रणव पण्ड्या का आलेख... बाहरी धन-संपदा से ज्यादा महत्वपूर्ण है भीतर कीसंपदा। अंतस के धनी बनकर ही हम सही मायने में

सफल कहलाएंगे...

 

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