अंडकोष वृधि के लिए विशेष लाभदायक::गोमुखासन
गोमुखासन आसन में व्यक्ति की आकृति गाय के मुख के समान बन जाती है इसीलिए इसे गोमुखासन कहते हैं। यह आसन आध्यात्मिक रूप से अधिक महत्व रखता है तथा इस आसन का प्रयोग स्वाध्याय एवं भजन, स्मरण आदि में किया जाता है। यह आसन पीठ दर्द, वात रोग, कंधे के कडे़ंपन, अपच तथा आंतों की बीमारियों को दूर करता है।
यह अंडकोष से संबन्धित रोगों को दूर करता है। यह आसन उन महिलाओं को अवश्य करना चाहिये, जिनके स्तन किसी कारण से छोटे तथा अविकसित रह गए हों। यह आसन स्त्रियों की सौंदर्यता को बढ़ाता है और यह प्रदर रोग में भी लाभकारी है।
गोमुखासन की विधि-
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