योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। योग मे हर आसन और प्राणायाम मे साँसों का विशेष महत्व होता है

वही दूसरी तरफ अगर सुदर्शन क्रिया की बात की जाए तो यह एक सहज लयबद्ध शक्तिशाली तकनीक है जो विशिष्ट प्राकृतिक श्वांस की लयों के प्रयोग से शरीर, मन और भावनाओं को एक ताल में लाती है। अध्यात्मिक खोज है यह क्रिया को सबसे पहले लाने और सिखाने का श्रेय श्री श्री रविशंकर जी को जाता है ,यह क्रिया हमें अनंत की एक झलक देती है। सुदर्शन क्रिया स्वास्थ्य, प्रसन्नता, शांति और जीवन से परे के ज्ञान का अज्ञात रहस्य है!

अगर एक तरफ से देखा जाए तो सुदर्शन क्रिया भी एक प्रकार का योग है। बस फर्क इसे करने के तरीके मे है।दोनो का मकसद शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाना है और हमे स्वास्थ्य, प्रसन्नता, शांति और जीवन से परे के ज्ञान की प्राप्ति करवाना है ।

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योग और सुदर्शन