नौका आसन यानी नाव के समान मुद्रा। पीठ एवं मेरूदंड को लचीला व मजबूत बनाये रखने के लिए नौकासन का अभ्यास काफी लाभदायक होता है। यह आसन ध्यान और आत्मबल को बढ़ाने में भी कारगर होता है। कंधों एवं कमर के लिए भी यह व्यायाम फायदेमंद है। शरीर को सुडौल बनाये रखने के लिए भी यह आसन बहुत ही लाभदायक होता है। 7 योग आसन जो आपके पेट को रखें स्वस्थ इससे पाचन क्रिया, छोटी-बड़ी आँत में लाभ मिलता है। अँगूठे से अँगुलियों तक खिंचाव होने के कारण शुद्ध रक्त तीव्र गति से प्रवाहित होता है, जिससे काया निरोगी बनी रहती है। हर्निया रोग में भी यह आसन लाभदायक माना गया है। निद्रा अधिक आती हो तो उसे नियंत्रित करने मे ये नौका आसन सहायक है।

बढ़ती तोंद कम करने में मदद करेगा नौकासन

अगर आप अपनी बढ़ती हुई तोंद की वजह से तनाव में हैं तो इसे कम करने का आसान उपाय जरूर जानना चाहेंगे। योग में इसके लिए नौकासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद है।

नियमित रूप से यह आसन न सिर्फ पेट की चर्बी कम करने में मददगार है बल्कि शरीर को लचीला बनाने से लेकर पाचन संबंधी समस्याओं में यह काफी फायदेमंद है।

नौकासन करने की विधि - सबसे पहले शवासन की स्थिति में लेट जाएँ। फिर एड़ी-पंजे मिलाते हुए दोनों हाथ कमर से सटा कर रखें। हथेलियाँ जमीन पर तथा गर्दन को सीधी रखते हैं। अब दोनों पैर, गर्दन और हाथों को धीरे-धीरे एक साथ उपर की ओर उठाते हैं। आखिर में अपने पूरे शरीर का वजन नितंब के ऊपर रख दें। इस स्थिति में 30-40 सेकंड रुकने का प्रयास करें। फिर धीरे-धीरे पुन: उसी अवस्था में आ कर शवासन की अवस्था में लेट जाएँ। इस आसन को चार पांच बार करें।

नोट:- विशेष लाभ हेतु - आसन करते समय अपना गुरुमंत्र का जप करें। यदि दुर्भाग्य से गुरुमंत्र नहीं मिला है तो ॐ नमः शिवाय मंत्र का ही जप करें। अथवा जो भी मन्त्र मन को भाता हो, आसन के साथ - साथ उसीका जप करें।

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